लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषद के 135 साल के इतिहास में पहली बार बुधवार 6 जुलाई को कांग्रेस का कोई सदस्य नहीं होगा। विधान परिषद से अब कांग्रेस को उत्तर प्रदेश विधान सभा का उच्च सदन कहा जाएगा। कांग्रेस के इकलौते सदस्य दीपक सिंह आज सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
यदि हम इतिहास के ढाँचे को देखें तो पाते हैं कि उत्तर प्रदेश राज्य में पहली विधान परिषद की स्थापना 5 जनवरी 1887 को हुई थी और संयुक्त प्रांत की पहली बैठक 8 जनवरी 1887 को हुई थी। थारनाहिल मेमोरियल हॉल, इलाहाबाद में, तब से विधान परिषद में कांग्रेस का कोई प्रतिनिधि नहीं है। हालांकि बुधवार के बाद विधान परिषद में कांग्रेस का कोई सदस्य नहीं होगा।
कौन सेवानिवृत्त हो रहा है
उत्तर प्रदेश विधान परिषद से आज कुल 10 सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इनमें समाजवादी पार्टी के जगजीवन प्रसाद, बलराम यादव, डॉ. कमलेश कुमार पाठक, रणविजय सिंह, रामसुंदर निषाद और शत्रुघ्न प्रकाश शामिल हैं। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी के अत्तर सिंह राव, सुरेश कुमार कश्यप और दिनेश चंद्रा का भी कार्यकाल बुधवार को समाप्त हो जाएगा।
कांग्रेस के दीपक सिंह भी आज विधान परिषद के सदस्य के रूप में सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी के दो सदस्य जिनका कार्यकाल आज समाप्त हो रहा है। उन्हें पहले ही विधान परिषद भेजा जा चुका है। इसमें उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और पंचायत राज्य मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह के नाम शामिल हैं.
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प्रथम प्रकाशित: 06 जुलाई 2022, 11:43 IST